सात अक्टूबर को हमास के आतंकियों ने किसी की बेटी तो किसी के बेटे का कर दिया था कत्ल, आपबीती सुन दहल जाएगा दिल
आज इजरायल और हमास के बीच जारी जंग के छह महीने पूरे हो गए हैं लेकिन पिछले साल सात अक्टूबर का दिन इजरायल और पूरी दुनिया के लिए कितना भयानक था, उसको याद करें तो आज भी रौंगटे खड़े हो जाते हैं।
हमास के आतंकियों ने बच्चे, जवान और बूढ़े किसी को नहीं बख्शा था, सभी को मौत के घाट उतार दिया था। वहीं, अब इजरायल में रहने वाली भारतीय मूल की एक यहूदी महिला मधुरा नाइक ने गुरुवार को अपनी आपबीती सुनाई कि कैसे सात अक्टूबर को हमास के स आतंकवादियों ने उसके परिवार के तीन लोगों बेरहमी से मार दिया था और उनके बच्चे असहाय होकर सब देख रहे थे।
सात अक्टूबर सभी इजरायलियों के लिए एक भयानक त्रासदी थी
पेशे से टेलीविजन अभिनेता मधुरा ने बताया कि उनके चचेरे भाई, बहन और उनकी बहन के पति की हथियारों से हमास आतंकवादियों ने उनके बच्चों के सामने हत्या कर दी थी। उन्होंने कहा कि सात अक्टूबर को जो हुआ वह न केवल मेरे परिवार के लिए बल्कि सभी इजरायलियों के लिए एक भयानक त्रासदी थी। हमलों के छह महीने बाद भी 133 बंधक अभी भी आजादी की उम्मीद में जी रहे हैं।
दिल दहला देने वाला वीडियो है
उन्होंने कहा कि यह मेरे चचेरे भाई, बहन और उसके पति की हमास आतंकवादियों ने बच्चों के सामने बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। हर इजरायली उस वीडियो (हत्याओं के) के बारे में जानता है या देखा है जो वायरल हो गया है। मैं चाहती हूं कि हर भारतीय उस वीडियो क्लिप को भी देखें। वह वीडियो बेहद भयावह और दिल दहला देने वाला है।
हमास की कैद से अपनों के आने की राह देख रहे परिवार वाले
सात अक्टूबर को हमास आतंकवादियों द्वारा अपहरण कर ली गई नामा लेवी की मां आयलेट लेवी शचर का कहना है कि मेरी बेटी 19 साल की है, उसे सात अक्टूबर को गाजा के पास इजरायल के दक्षिण में आतंकवादी हमले के दौरान अपहरण कर लिया गया था। हमने उसके अपहरण का वीडियो देखा था… हम जानते हैं कि वह वहाँ है, घायल है और जीवित है। अब छह महीने हो गए हैं।
हमें यह भी उम्मीद है कि वह वापस आ जाएगा
मार्सेलो, जिनके दामाद डोलेव याहुद को सात अक्टूबर को हमास आतंकवादियों द्वारा अपहरण कर लिया गया था। वे कहते हैं कि मेरे दामाद, उनकी बेटी और उनकी बेटी के प्रेमी का सात अक्टूबर को अपहरण कर लिया गया था, और अब हमें उनके बारे में कुछ भी नहीं पता। अब हम जो सामना कर रहे हैं वह बहुत अनिश्चित और बहुत कठिन है। उन्हें हमास की कैद में रहते हुए 188 दिन हो गए हैं। मेरा दामाद एक बीमारी से पीड़ित है। मुझे नहीं पता कि उसे उचित चिकित्सा उपचार दिया जा रहा है या नहीं… हमें यह भी उम्मीद है कि वह वापस आ जाएगा।
रेस्तरां मालिक बोले- इजरायल धीरे-धीरे पटरी पर लौट रहा है
इजरायल-हमास युद्ध के छह महीने पूरे होने पर, रेस्तरां मालिक और प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार विजेता (भारत सरकार द्वारा प्रवासी भारतीयों को दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान), रीना पुष्करणा कहती हैं कि इजरायल धीरे-धीरे पटरी पर लौट रहा है। लेकिन हमारे सिर पर हमेशा युद्ध के बादल मंडराते रहते हैं। इजरायली लोग छुट्टी मनाने के लिए अपने घरों से बाहर नहीं आ रहे हैं, वे सिर्फ सामान्य जीवन जीने के लिए बाहर आ रहे हैं। यहां हर परिवार प्रभावित हुआ है। यहां हम अपने ही देश में शरणार्थी बन गए हैं। उन्होंने बताया कि यह युवक तेल अवीव में मेरे रेस्तरां के ठीक बगल में रहता था और उसे भारतीय खाना बहुत पसंद था, युद्ध के पहले ही दिन उसकी मृत्यु हो गई।