गर्मियां शुरू होते ही मच्छरों का आतंक बढ़ जाता है। ऐसे में मच्छरों के काटने से कई गंभीर बीमारियाें का खतरा भी बढ़ जाता है।
उन्हीं में से डेंगू और मलेरिया एक जानलेवा बीमारी है। अगर समय पर इलाज न मिले तो मामला गंभीर हो सकता है। कई मामलों में तो मरीज की मौत तक हो जाती है। आज नेशनल डेंगू डे मनाया जा रहा है। इसका उद्देश्य लोगों को इस बीमरी के प्रति जागरुक करना है। साथ ही उन्हें इस बीमारी के प्रति बचाव के तरीके भी बताए जाते हैं।
आज इस मौके पर हम आपको डेंगू और मलेरिया के अंतर के बारे में बताने जा रहे हैं। दरअसल, डेंगू और मलेरिया दोनों ही मच्छरों से फैलने वाली गंभीर बीमारियां हैं। इनके लक्षण भी एक दूसरे से काफी मिलते हैं। हालांकि इनका इलाज अगल तरीकों से किया जाता है। आइए इन दोनों के अंतर के बारे में जानते हैं विस्तार से-
डेंगू क्या है?
डेंगू एक फैलने वाली बीमारी होती है। येएडीज एजिप्टी नाम के मच्छर के काटने से फैलती है। दरअसल, ये मच्छर दिन के समय यानी कि सुबह और शाम में ज्यादा एक्टिव होते हैं। डेंगू के लक्षण आमतौर पर बुखार, सिरदर्द, मसल्स और जोड़ों में दर्द, आंखों के पीछे दर्द और शरीर पर चकत्ते (rashes) के रूप में सामने आते हैं। आपको बता दें कि डेंगू को हड्डी तोड़ बुखार भी कहा जाता है। क्योंकि इस दौरान हड्डियाें में असहनीय दर्द होता है। कई मामलों में प्लेटलेट्स की संख्या तेजी से गिरती है, जिससे स्थिति गंभीर हो सकती है।
मलेरिया क्या है?
यह प्लाज्मोडियम नाम के पैरासाइट के कारण होता है, जो इन्फेक्टेड फीमेल एनोफिलीज मच्छर के काटने से लोगों में फैलता है। इस बीमारी का लक्षण मच्छर के काटने के करीब 3 से 4 दिन बाद दिखाई देते हैं। मलेरिया का मच्छर रात में एक्टिव होता है। इसमें आपको तेज बुखार के साथ पसीना, कंपकंपी, थकान, उल्टी और सिरदर्द की समस्या हो सकती है।
क्या है इलाज?
डेंगू- इसका डायग्नोसिस माइक्रोस्कोपिक टेस्ट या NS1 एंटीजन टेस्ट से किया जाता है। यह एक वायरल बीमारी है, एंटी-वायरल दवाओं से इसका पूरी तरह इलाज नहीं किया जा सकता है। इसमें सपोर्टिव (पैरासिटामोल, हाइड्रेशन और आराम) की सलाह दी जाती है। जबकि मलेरिया की पहचान एंटीजन और एंटीबॉडी टेस्ट से की जाती है। इलाज के लिए एंटी-मलेरियल दवाओं को मरीजों को दिया जाता है।
कैसे करें बचाव
डेंगू हो या मलेरिया, दोनों से बचाव के उपाय लगभग एक जैसे ही होते हैं। आप अपने घरों के आसपास पानी जमा होने दें। क्योंकि मच्छर ज्यादातर पानी में ही पनपते हैं। फुल स्लीव्स के कपड़े पहनें। मच्छरदानी और रिपेलेंट्स का इस्तेमाल करें। इसके साथ्र ही घर के आसपास और घर में भी सफाई रखें। घर के आसपास सफाई रखें। जब आप सावधानी बरतेंगे तो ही खुद को और परिवार वालों को सुरक्षित रख पाएंगे।