प्रधानमंत्री मोदी ने किया राइजिंग नॉर्थ ईस्ट इंवेस्टर्स समिट 2025 का उद्घाटन, अपने उद्बोधन में पीएम ने कहा – नॉर्थ ईस्ट के साथ दिल का रिश्ता

राइजिंग नॉर्थईस्ट इन्वेस्टर्स समिट' 2025 के प्री-समिट एक्टिविटीज से ₹4.18 लाख करोड़ के MoU और LoI की संभावनाएं उभरकर सामने आई हैं: सिंधिया

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज दिल्ली के भारत मंडपम् में आयोजित दो दिवसीय राइजिंग नॉर्थ ईस्ट इंवेस्टर्स समिट का उद्घाटन किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र भारत का अहम हिस्सा है, इसलिए इसका विकसित होना जरूरी है।

ऊर्जा का पावर हाउस होने के नाते यह हमारे लिए अष्टलक्ष्मी के समान है। ट्रेड से लेकर ट्रेडिशन और टेक्सटाइल से लेकर टूरिज्म तक पूर्वोत्तर की विविधता उसकी ताकत है। यहां विकास सिर्फ आंकड़ों में नहीं, बल्कि जमीन पर महसूस किया जा सकता है।

समिट के दौरान पूर्वोत्तर के लिए 4.18 लाख करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा

विदित हो कि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस समिट से उत्तर पूर्वी क्षेत्र के लिए 4.18 लाख करोड़ रुपए के निवेश घोषणा की।

आज, समिट के पहले ही दिन उत्तर पूर्वी राज्यों में निवेश के लिए देश के कई औद्योगिक घरानों ने अपनी रुचि दिखाई और मंच पर आकर एक से बढ़कर एक निवेश की घोषणाएं की। अदानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदानी ने पूर्वोत्तर में लिए 50,000 करोड़ रुपए के निवेश की घोषणा की तो वहीं रिलायंस इंडस्ट्री के मुकेश अंबानी ने 75 हज़ार करोड़ रुपये, वेदांता ग्रुप 80 हज़ार करोड़ रुपये और साथ ही अंबुजा समूह ने 3 हज़ार करोड़ रुपये के निवेश की बात कही।

नॉर्थ ईस्ट के साथ दिल का रिश्ता – पीएम मोदी

आज भारत मंडपम् में प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि एक समय पूर्वोत्तर को frontier region कहा जाता था, लेकिन आज यह क्षेत्र विकास का front runner बन चुका है। मोदी ने कहा कि पिछले 11 सालों में 700 से ज्यादा बार केंद्र सरकार के मंत्री नॉर्थ ईस्ट गए हैं। इस क्षेत्र के साथ हमने केवल योजनाओं के माध्यम से नहीं बल्कि दिल के साथ रिश्ता जोड़ा है।

यह समिट उत्तर- पूर्व के विकास का मूवमेंट – मोदी

प्रधानमंत्री ने राइजिंग नॉर्थ ईस्ट समिट के आयोजन को विकास का मूवमेंट कहा है। पीएम ने कहा कि लंबे समय तक अभाव में रहे उत्तर पूर्व को हमने land of opportunity में परिवर्तित किया है। पिछले 11 वर्षों में यहां शिक्षा, स्वास्थ्य और खेल के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य हुआ है। साथ ही इस क्षेत्र की कनेक्टिविटी भी लगातार सशक्त हो रही है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने केंद्र सरकार और पूर्वोत्तर के सभी राज्यों को कार्यक्रम के सफल आयोजन की बधाई दी।

नार्थ ईस्ट कह रहा हम निवेश और नेतृत्व के लिए तैयार हैं : मोदी

प्रधानमंत्री ने कहा कि “नॉर्थ ईस्ट” का अर्थ है बायो-इकोनॉमी और बाँस उद्योग, चाय उत्पादन और पेट्रोलियम, खेल और कौशल विकास, इको-टूरिज्म का उभरता हुआ केंद्र, जैविक उत्पादों की नई दुनिया और ऊर्जा का पावर हाउस। इसी विविधता और सामर्थ्य को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री ने पूर्वोत्तर क्षेत्र को भारत की ‘अष्टलक्ष्मी’ करार दिया। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि ‘अष्टलक्ष्मी’ के इस आशीर्वाद से सुसज्जित पूर्वोत्तर का हर राज्य आज कह रहा है कि हम निवेश के लिए तैयार हैं, हम नेतृत्व के लिए तैयार हैं।

केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने भी किया कार्यक्रम को संबोधित

राइजिंग नॉर्थ ईस्ट इंवेस्टर्स समिट में केंद्रीय उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने स्वागत उद्बोधन में बताया कि पूर्वोत्तर भारत की सांस्कृतिक चेतना और व्यापार का प्रमुख केंद्र रहा है। बावजूद इसके यह क्षेत्र आजादी के 60 वर्षों तक उपेक्षित रहा। जिस क्षेत्र को विकास का अंतिम द्वार कहा जाता था, आज उसे प्रधानमंत्री जी ने विकास का प्रवेश द्वार बना दिया है।

पिछले 10 साल में उतर- पूर्व में लाखों करोड़ रुपये का निवेश हुआ – सिंधिया

केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर में विकास एवं निवेश के क्षेत्र में किए गए सरकार के प्रयास स्पष्ट रूप से दिखाई देते हैं। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री के द्वारा ही पिछले 10 वर्षों में 10 प्रतिशत Gross budgetary support को बढ़ाकर पौने 7 लाख करोड़ रुपये का निवेश उत्तर पूर्वी क्षेत्र में संभव किया है। प्रधानमंत्री द्वारा टैक्स डेव्यूलिशन को 5 गुना बढ़ाकर 5.5 लाख करोड़ रुपए की राशि का निवेश इन आठ राज्यों में कराया और साथ ही ग्रांट इन एड को दुगुना कर 5 लाख करोड़ रुपए अतिरिक्त निवेश प्रधानमंत्री द्वारा कराया गया है।

पूर्वोत्तर इकोनॉमी, इकोलॉजी और इमोशन की त्रिवेणी का संगम – सिंधिया

अपने भाषण में सिंधिया ने बताया कि उत्तर- पूर्वी भारत economy, ecology और emotion की त्रिवेणी का संगम है। आने वाले समय में पूर्वोत्तर राज्यों के शहर उत्तर भारत के शहरों की तरह विकास और प्रगति के क्षेत्र में एक नया अध्याय लिखेंगे।

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