अंकिता भंडारी को लंबी लड़ाई के बाद इंसाफ, 3 गुनाहगार दोषी करार

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उत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता हत्याकांड में कोर्ट ने तीनों गुनाहगारों को दोषी करार दिया है.

यह मामला सितंबर 2022 से ही विचाराधीन था. इसलिए आज कोर्ट के फैसले पर हर किसी की नजर टिकी रही. फैसले वाले दिन इंसाफ की आस में अंकिता के माता-पिता कोर्ट परिसर पहुंच थे. अंकिता के माता-पिता को इस मामले में इंसाफ की उम्मीद थी. कोर्ट का फैसले आने से पहले अंकिता के पिता ने कहा था कि मुझे उम्मीद है कि उनकी बेटी को न्याय मिल पाएगा. अंकिता के पिता ने कहा कि मैं कोर्ट से यह मांग करूंगा कि इनको मौत की सजा दी जाए.

फैसले से पहले क्या बोले अंकिता के माता-पिता
अंकिता के पिता की आंखों में उनकी बेटी को खोने का गम साफ झलक रहा था. फैसले से ठीक पहले उन्होंने कहा था कि उन्होंने मेरी बेटी को मारा है. इस मामले में उत्तराखंड के लोगों ने उनके साथ दिया है, उसके लिए वह हाथ जोड़कर सभी का अभिनंदन करते हैं. अंकिता की मां ने कहा था कि उन्हें कोर्ट पर पूरा भरोसा है कि उनकी बेटी को न्याय मिलेगा. अंकिता भंडारी के मर्डर से पूरे देश में काफी रोष था. उत्तराखंड में जगहों-जगहों पर इस मामले में इंसाफ के लिए प्रदर्शन हुए थे. अंकिता भंडारी हत्याकांड में कोटद्वार की अदालत ने अपना फैसला सुना दिया.

क्या है अंकिता भंडारी मर्डर मामला
पौड़ी जिले के यमकेश्वर ब्लॉक की 22 साल की अंकिता भंडारी की 18 सितंबर 2022 को हत्या कर दी गई थी. अंकिता भंडारी यमकेश्वर ब्लॉक में ही बने वनतरा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट का काम करती थी. अंकिता भंडारी 18 सितंबर 2022 को यमकेश्वर के वनतरा रिजॉर्ट से लापता हो गई थी. छह दिन बाद 24 सितंबर को चीला पावर हाउस इनटेक में नहर से एसडीआरएफ ने अंकिता भंडारी का शव बरामद किया था. इस मामले में पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था. पुलकित को मुख्य आरोपी बनाया गया था. मामले के खुलासे को लेकर डीआईजी (कानून-व्यवस्था) पी. रेणुका देवी के नेतृत्व में एसआईटी टीम गठित की गई थी.

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