धनतेरस: आज जरूर खरीदें झाड़ू, अपनी राशि के अनुसार करें खरीदारी; जानिए पूजा मुहूर्त

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सनातन धर्म में कार्तिक माह के कृष्णपक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस मनाया जाता है। 10 नवंबर को ग्रह-गोचरों के शुभ संयोग में धनतेरस मनाया जाएगा। धनतेरस से ही दीपोत्सव की शुरूआत हो जाएगी।

इस दिन भगवान धन्वंतरि के प्राकट्य उत्सव के रूप में मनेगा। स्कंदपुराण के अनुसार इस दिन प्रदोषकाल में यम के निमित्त तिल तेल का दीपक घर के बाहर दक्षिण मुख जलाने से काल, संकट, रोग-शोक, भय-दुर्घटना, अकाल मृत्यु से बचाव होता है।

ज्योतिष आचार्य ने पंचांगों के हवाले से बताया कि त्रयोदिशी तिथि 10 नवंबर को दिन में 11.47 बजे से लग रही है जो 11 नवंबर दोपहर 1.14 बजे तक रहेगी। सुबह 7.05 बजे से 9.22 तक वृश्चिक, 1.15 से 2.46 तक कुंभ, 5.51 से 7.47 तक वृष आदि लग्न उत्तम है।

वैसे तो पूरे दिन खरीदारी करना शुभ होगा। ज्योतिष आचार्य पीके युग के अनुसार प्रदोष काल सूर्यास्त से रात्रि तक धनतेरस पूजन का शुभ मुहूर्त होगा। धन त्रयोदिशी पर गणेश-लक्ष्मी की मूर्ति और चांदी, सोने, बर्तन आदि की खरीदारी शुभ होगा। धनतेरस पर हस्त नक्षत्र, अमृत योग शुभकारी योग रहेगा।

धनतेरस के दिन शुभ मुहूर्त में खरीदारी करने से धन में 13 गुना वृद्धि होती है। इस दिन आयुर्वेद के जनक धन्वंतरि देव से उत्तम स्वास्थ्य की कामना की जाती है। इस दिन कमलगट्टा, धनिया, हल्दी गांठ, मिट्टी के पात्र, सोना, चांदी, पीतल, तांबा, स्टील, अष्टधातु के बर्तन, सजावटी वस्तु, भूमि-वाहन, इलेक्ट्रानिक वस्तु की खरीदारी करना शुभ होगा।

झाड़ू बिना धनतेरस अधूरा
झाड़ू के बिना धनतरेस का पर्व अधूरा माना जाता है। लाखो-करोड़ों रुपये की खरीदारी करने वाले लोगों की धनतेरस बिना झाड़ू की खरीदारी अधूरी मानी जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार झाड़ू को मां लक्ष्मी का रूप माना जाता है। झाड़ू की खरीदारी करने से घर से गरीबी जाती है और ऋण से भी मुक्ति मिलती है।

धनतेरस के दिन झाड़ू खरीद कर घर लाने से नकारात्मकता दूर होती है, कंगाली बाहर जाने के साथ घर में लक्ष्मी का वास होता है। दिवाली के दिन झाड़ू का प्रयोग कर पुरानी झाड़ू फेंकने की परंपरा है। झाड़ू पर पैर लगने से अपशकुन माना जाता है।

धनतरेस पर खरीदारी व पूजा मुहूर्त

  • त्रयोदशी तिथि: दोपहर 11:47 बजे से
  • अभिजित मुहूर्त: दोपहर 11:11 बजे से 11:55 बजे तक
  • शुभ योग मुहूर्त: दोपहर 11:33 बजे से 12: 55 बजे तक
  • चर मुहूर्त: शाम 03:40 बजे से 05:02 बजे तक
  • स्थिर वृष लग्न: शाम 05:30 बजे से रात्रि 07:27 बजे तक
  • लाभ मुहूर्त: रात्रि 08:40 बजे से 09:56 बजे तक
  • सिंह लग्न: रात्रि 11:34 बजे 01:11 बजे तक
  • अमृत मुहूर्त: देर रात 01:11 बजे से 02:49 बजे तक
  • राशि के अनुसार करें खरीदारी
  • मेष: चांदी या तांबा के बर्तन, इलेक्ट्रानिक सामग्री
  • वृष: चांदी या तांबे के बर्तन, वस्त्र, कलश
  • मिथुन: स्वर्ण आभूषण, स्टील के बर्तन, हरे रंग के घरलू सामान, पर्दा
  • कर्क: चांदी के आभूषण या पायल, बर्तन, घरेलू इलेक्ट्रानिक सामग्री
  • सिंह: तांबे के बर्तन या कलश, वस्त्र, सोना
  • कन्या: गणेश की मूर्ति, सोना या चांदी के आभूषण, कलश
  • तुला: वस्त्र, सौंदर्य सामान या सजावटी सामान, चांदी या स्टील के बर्तन
  • वृश्चिक: इलेक्ट्रानिक उपकरण, सोने के आभूषण, बर्तन, तांबा या मिट्टी के पात्र
  • धनु: स्वर्ण आभूषण, तांबे या स्टील बर्तन
  • मकर: वस्त्र ,वाहन, चांदी के बर्तन या आभूषण
  • कुंभ: सौंन्दर्य के सामान, स्वर्ण, ताम्र पात्र, जूता-चप्पल
  • मीन: स्वर्ण आभूषण, चांदी या पीतल के बर्तन, इलेक्ट्रानिक उपकरण
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