भारत को सुरक्षित देशों की सूची में शामिल करेगा ब्रिटेन, अवैध तरीके से प्रवेश करने वाले नागरिकों पर पड़ेगा असर

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यूके सरकार ने घोषणा की है कि वह भारत को सुरक्षित राज्यों की सूची में जोड़ेगी।

इसके बाद भारत से अवैध रूप से यात्रा करने वाले लोगों की वापसी की प्रक्रिया तेज हो जाएगी। साथ ही, अवैध रूप से अन्य मार्गों से आने वाले भारतीय नागरिकों के सभी शरण दावों को अस्वीकार्य माना जाएगा। कोई अपील नहीं होगी और उन्हें वापस भेज दिया जाएगा।

भारत और जॉर्जिया होंगे शामिल
यूके होम ऑफिस ने एक बयान में कहा कि सरकार भारत और जॉर्जिया को सुरक्षित राज्यों की सूची में जोड़ेगी। इसमें कहा गया है कि यह निर्णय ‘अवैध प्रवासन अधिनियम 2023’ और नौकाओं को रोकने की योजना के कार्यान्वयन में एक और कदम होगा। यूके गृह कार्यालय ने बयान में कहा, “आज (बुधवार 8 नवंबर) संसद में पेश किया गया मसौदा कानून आव्रजन प्रणाली को मजबूत करेगा और दुरुपयोग को रोकने में मदद करेगा, जिसमें निराधार सुरक्षा दावे करने वाले लोग भी शामिल हैं।”

यूके में शरण नहीं ले सकेंगे अवैध प्रवेश वाले नागरिक
यूके गृह कार्यालय के बयान के मुताबिक, लोगों पर उत्पीड़न का जोखिम नहीं होने के बावजूद पिछले साल भारतीय और जॉर्जियाई छोटी नावों की आवाजाही में वृद्धि देखी गई है। इसमें आगे कहा गया, “इन देशों को सुरक्षित मानने का मतलब यह होगा कि यदि कोई व्यक्ति इनमें से किसी एक से अवैध रूप से आता है, तो हम यूके शरण प्रणाली में उनके दावे को स्वीकार नहीं करेंगे।”

पहले से कई देश शामिल
यूके गृह कार्यालय ने कहा कि यूके द्वारा सुरक्षित समझे जाने वाले अन्य देशों में अल्बानिया और स्विट्जरलैंड, यूरोपीय संघ और यूरोपीय आर्थिक क्षेत्र के राज्य शामिल हैं। ब्रिटेन की गृह सचिव सुएला ब्रेवरमैन ने कहा कि उन्हें लोगों को मौलिक रूप से सुरक्षित देशों से ब्रिटेन की खतरनाक और अवैध यात्रा करने से रोकना चाहिए।

अवैध रूप से आने वालों के लिए संदेश
बयान में, ब्रेवरमैन ने कहा, “हमें मौलिक रूप से सुरक्षित देशों से ब्रिटेन की खतरनाक और अवैध यात्रा करने वाले लोगों को रोकना चाहिए। इस सूची का विस्तार करने से हम उन लोगों को और अधिक तेजी से हटा सकेंगे, जिनके पास यहां रहने का कोई अधिकार नहीं है और यह एक स्पष्ट संदेश भेजता है कि यदि आप अवैध रूप से यहां आओगे, तो यहां नहीं रह सकते हैं।”

कई मापदंडों के तहत शामिल होते हैं देश
यूके गृह कार्यालय के मुताबिक, यदि यूके के गृह सचिव संतुष्ट होते हैं कि किसी देश से उसके नागरिकों के उत्पीड़न का कोई खतरा नहीं है और उस देश के नागरिकों को हटाना मानवाधिकार कन्वेंशन के तहत यूके के दायित्वों के खिलाफ नहीं जा सकता है, तो ऐसे में किसी भी देश को सुरक्षित राज्यों की सूची में शामिल किया जा सकता है।

यूके गृह कार्यालय ने कहा है कि धारा 80AA के तहत, राष्ट्रों का पदनाम सकारात्मक प्रक्रिया के मसौदे के अधीन है। इसका मतलब यह है कि उपाय लागू होने से पहले संसद के दोनों सदनों में बहस के माध्यम से सामान्य तरीके से जांच की जाएगी।

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